आज वर्ल्ड हेल्थ डे है। दुनिया के तमाम हिस्सों में बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी खतरों पर चिंतन होगा। लेकिन एक बात जो सबसे अहम है, उस ओर काफी कम ध्यान दिया जा रहा है। स्मार्टफोन, जी हां, दुनिया के हर दूसरे हाथ में मौजूद स्मार्टफोन हमारे-आपके शरीर को तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है, खासकर दिमाग को और हमारी सोचने-समझने की क्षमता को भी।
क्या आपने कभी सोचा है कि जिस मोबाइल
हैंडसेट को आप हर वक्त अपने साथ रखते हैं, वह आपके शरीर और दिमाग का सबसे
बड़ा दुश्मन है। मोबाइल से निकलने वाली हानिकारक तरंगें बेहद खामोशी से
हमारे दिमाग को अंदरूनी चोट पहुंचा रही हैं, जिन्हें हम तुरंत नहीं पहचान
पा रहे। वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि मोबाइल जो अब स्मार्टफोन में
तब्दील हो चुका है, वह इंसानी दिमाग का साइलेंट किलर बनता जा रहा है। दिल
के दौरों से बचने के लिए डॉक्टर्स मोबाइल को सीने के पास न रखने की सलाह
देते हैं, जबकि दिमागी सेहत बनाए रखने के लिए हेडफोन या ब्लूटूथ के
इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। लेकिन इन्हें मानते बहुत कम लोग हैं।
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