Tuesday, 21 April 2015

इंडियन अर्नोल्ड, कैंसर और लकवा से लड़कर बने मिस्टर इंडिया

'मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।' इन लाइनों को चरितार्थ करती भारतीय बॉडीबिल्डर आनंद अर्नोल्ड की स्टोरी है। भारतीय अर्नोल्ड नाम से जाने-जाने वाले आनंद का शरीर कैंसर के कारण पैरालाइज्ड हो गया था। उसके बाद भी अर्नोल्ड ने हार नहीं मानी और अपने हौसले से न केवल सभी को गलत साबित किया, बल्कि तीन बार मिस्टर इंडिया का खिताब भी जीता।
28 साल के आनंद ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने संघर्षपूर्ण बीते कल के बारे में चर्चा की। आनंद ने बताया कि कैसे उन्होंने 15 साल की उम्र में कैंसर के बाद हुए लकवाग्रस्त शरीर के बल पर बॉडीबिल्डिंग में कई मेडल जीते। उन्होंने बताया, "मैं हमेशा से ही बॉडीबिल्डर बनना चाहता था। मैंने करियर की पहली ट्रॉफी 13 साल की उम्र में जीती।"
15 साल की उम्र में कैंसर
आनंद द्वारा बॉडीबिल्डिंग में करियर शुरू किए सिर्फ दो साल ही हुए थे कि उन्हें लोअर स्पिनल कॉर्ड में कैंसर का पता चला। जब कैंसर के इलाज के लिए ऑपरेशन किया गया तो उनका चेस्ट पूरी तरह से पैरालाइज्ड हो गया। वह तीन साल तक बेड पर पड़ रहे। इन तीनों सालों के दौरान उनके हाथ थोड़े-बहुत मूव करते थे।
फैमिली ने किया सपोर्ट, दिखाया दम
उन्होंने कहा, "तीन साल तक बेड पर पड़े रहने के दौरान मेरी फैमिली ने वापसी के लिए मुझे काफी सपोर्ट किया। मेरे और मेरे परिवार के लिए बॉडीबिल्डिंग में वापसी और मेडल जीतना काफी सुकूनभरा रहा।
12 बार रहे मिस्टर पंजाब
आनंद अब तक तीन बार मिस्टर इंडिया के अलावा 12 बार मिस्टर पंजाब का खिताब जीत चुके हैं। उनके करियर पर निगाह डाली जाए तो उनके नाम 27 अन्य छोटे-बड़े खिताब भी दर्ज हैं। आनंद 'मुस्कले मेनिया' इवेंट में भी हिस्सा ले चुके हैं।

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