Tuesday, 14 April 2015

बठिंडा का एक गांव ऐसा, जिसके आगे शहर भी शरमा जाए

पंजाब के चंडीगढ़ शहर की खूबसूरती देखकर सभी यह कहते हैं कि 'शहर हो तो ऐसा'। इसी खूबसूरती से प्रभावित होकर सरपंच रमनदीप ने अपने गांव को भी चंडीगढ़ जैसा बनाने की ठानी। गांव साफ रखने और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पूरी पंचायत काम कर रही है। गांव को देखकर ऐसा लगता है मानो चंडीगढ़ शहर पूरा यहां उतार दिया हो। मामला पंजाब में बठिंडा के एक गांव बंगी रुल्दूसिंह का है। इस गांव की खूबसूरती और सुविधाएं देखकर ही इसकी तुलना चंडीगढ़ से की जा रही है।
पूरे गांव का नक्शा और नजरिया ही बदल गया
500 से ज्यादा ट्री-गार्ड हर सड़क पर आपका स्वागत करते हैं। कई जगह बड़े खूबसूरत पार्क हैं। सीएम बादल ने इससे प्रभावित हो 5 लाख रुपए बचे हुए एरिया में प्लांटेशन को दिए थे। साथ ही गुजारिश की कि इस गांव के युवा आसपास के गांवों को भी ऐसे ही डेवलप करें। बिना किसी सरकारी मदद के इस बदलाव के पीछे की सोच थी, युवाओं को नशे से दूर रखना। रमनदीप ने सबसे पहले स्पोर्ट्स कल्चर डेवलप किया। वॉलीबॉल बैडमिंटन कोर्ट तैयार कर क्लब बनाया। युवा जुड़ते गए और गांव के ओवरऑल डेवलपमेंट की प्लानिंग शुरू हो गई। दो साल पहले गांव में बिजली कनेक्शन कट गया था, क्योंकि गांव वाले पीने के पानी के बिल नहीं भर रहे थे। आज उसी अकाउंट में पांच लाख से ज्यादा हैं।
पंचायत के सभी सदस्य युवा हैं
चंडीगढ़ में हर साल 22 फीसदी लोग गांवों या छोटे शहरों से आकर बस जाते हैं। रिटायरमेंट के बाद भी नहीं लौटते। इसका एक कारण है शहर की खूबसूरती। इसीलिए यह सिटी ब्यूटीफुल कहलाता है। लेकिन, बठिंडा के एक गांव के रमनदीप इन सबसे अलग हैं। इसलिए चंडीगढ़ में रहने की बजाए उन्होंने इस शहर की खूबसूरती को पंचायत की मदद से अपने गांव में उतार दिया है। सरपंच रमनदीप समेत पंचायत में कुल 9 मेंबर हैं। इनमें से एक ही 35 साल से ऊपर का है।
सीएम ने की थी तारीफ
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जब बंगी रुल्दूसिंह की खूबसूरती देखी तो इसे और बेहतर बनाने के लिए गांव को पौधे लगाने के लिए पांच लाख रुपए दिए थे। सीएम ने पंचायत में अधिकतर युवाओं को देख गांव के विकास में तेजी लाने की बात कही थी। इतना ही नहीं, बादल ने कहा था, इस गांव के युवा आसपास के गांव को भी इसी तरह विकसित करें। सीएम ने गांव की खूबसूरती और गांव के लोगों की मेहनत देख उनकी तारीफ भी की थी।
चंडीगढ़ आए तो ब्यूटीफिकेशन की सोच लेकर गए
रमनदीप कहते हैं, मेरे भाई अमनदीप चंडीगढ़ में रहते हैं। वहां के पार्क देखकर सोचता था कि ये हमारे गांव में क्यों नहीं ? इसी सोच ने उम्मीद जगाई। हमने वाटर वर्क्स की साढ़े 4 एकड़ जमीन पर पार्क बनाया। सैर के लिए पक्के रास्ते बनाए। यहां खड़े पेड़ों को बेचा। इससे जो पैसे आए, उससे पार्क डेवलप करने में मदद मिली।
मॉडल गांव के लिए प्रस्तावित
रमनदीप ने कहा, 'हम सिफारिश नहीं करवाएंगे। हमारा काम बोल रहा है तो हम सिफारिश क्यों करवाएं? हम लोगों की सुविधाओं के लिए काम कर रहे हैं कि इनाम लेने के लिए।'
- स्पोर्ट्स क्लब में 64 मेंबर। एक भी नशा नहीं करता। नशा बेचने वालों को गांव से बाहर किया।
- गलियों में नंबर लग रहे हैं। ये पहला गांव होगा, जहां विदेशों की तरह गलियों के नंबर होंगे।
- चंडीगढ़ में जिस तरह ई-संपर्क सेंटर बने हैं, उसी तरह के सेंटर गांव में सेंक्शन हो चुके हैं।
- गांव के सभी बिजली के खंभों पर प्रेरणादायक वाक्य लिखे हैं। इनमें से एक है-मेहनत के बिना अमीर बनने की आदत भ्रष्टाचार है।

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