Monday, 6 April 2015

हाथ नहीं होने का इन्हें नहीं मलाल, कोहनी से लिखकर बन गए इंजीनियर

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती... इसको सार्थक कर रहे हैं कोनी में गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से आईटी में ग्रेजुएशन करने वाले 25 बरस के छात्र राम। पैदा हुए तभी प्रकृति से दोनों हाथ नहीं मिले, नतीजा स्कूल में पढ़ाई-लिखाई में परेशानी आने लगी।
स्कूलिंग के दौरान सहपाठी राम को चिढ़ाने लगे। कलाइयों से लिखते समय दर्द होता, पर उन्होंने इसे ही अपनी ताकत बना लिया। कड़े अभ्यास से हैंडराइटिंग ऐसी बनी कि सामान्य हाथों वाले भी दांतों तले अंगुली दबा लें। राम कहते हैं जिंदगी बहुत खुबसूरत है, हमें इससे हार नहीं माननी चाहिए।
महासंमुद जिले के बामीगिरौदा निवासी रामकुमार पटेल किसान पिता और गृहिणी मां का इकलौता बेटा है। 25 साल पहले जब राम पैदा हुए तब उनकी हथेली गायब थीं। भगवान की देन समझ माता-पिता परवरिश में जुट गए। उम्र बढ़ी तो बेटे को गांव के प्राइमरी स्कूल में एडमिशन दिलवाया गया। हाथ नहीं होने पर सहपाठी चिढ़ाने लगे।
परेशान राम ने पिता से स्कूल नहीं जाने के लिए कहा। परिवार वालों ने ढांढस बंधाया और बिना किसी की बात सुने आगे बढ़ने की नसीहत दी। राम ने ठान लिया कि वह अपनी कमजोरी को ताकत बनाएगा। लिखावट के लिए वह सुबह-शाम मेहनत करता। लगन और अभ्यास से 10वीं और 12वीं में फर्स्ट डिवीजन से पास हो गया।
इस पर उसे चिढ़ाने वालों के मुंह बंद हो गए। उसका सलेक्शन कोनी के इंजीनियरिंग कॉलेज में हो गया। ड्रॉइंग और इसी तरह के दूसरे काम राम कलाइयों के सहारे करता है। इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य, स्टाफ और दूसरे साथी राम पर गर्व करते हैं।
स्टूडेंट्स ने कहा, राम से हमेशा प्रेरणा मिली
एग्जाम खत्म होने के बाद कॉलेज में फेयरवेल हुआ। सभी छात्र एक-दूसरे के कपड़े और चेहरे पर अपनी भावनाएं लिख रहे थे। राम के माथे, शर्ट और चेहरे पर वीआर लव यू लिखा था। ब्लैकबोर्ड पर राम को सभी अपनी-अपनी तरह से विदाई दे रहे थे। उन्होंने बताया कि राम उनके लिए सिर्फ एक दोस्त, सहपाठी नहीं बल्कि एक प्रेरणादायी शख्स रहे हैं।
सब-कुछ हासिल किया जा सकता है
शारीरिक विकलांगता या किसी तरह की कमजाेरी जीवन में मायने नहीं रखती। लक्ष्य तय कर हमें उसे पाने की कोशिश करनी चाहिए। प्रयास से सब-कुछ हासिल किया जा सकता है। मैं अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि दुनिया में कोई काम असंभव नहीं।'' रामकुमार पटेल, छात्र, जीईसी बिलासपुर
ऐसे छात्र हमारे काॅलेज की शोभा बढ़ाते हैं
हमें राम की जिद और जुनून पर गर्व है। ऐसे छात्र कॉलेज की शोभा बढ़ाते हैं, उसे पहचान दिलाते हैं। उसने काबिलियत के बूते इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली। राम को जीवन में सफलता मिले, कॉलेज प्रबंधन यही शुभकामना देता है।'' डॉ. जीएस सिंह, प्रभारी प्राचार्य, जीईस

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