Tuesday, 7 April 2015

सुचित्रा सेन नहीं आना चाहती थीं दिल्ली, इसलिए ठुकरा दिया था सिनेमा का सबसे बड़ा अवॉर्ड

बंगाली और हिंदी सिनेमा में सुचित्रा सेन एक ऐसा नाम रहा है,जो खूबसूरती और अदाकारी की आंधी थी। आज अगर वो इस दुनिया में होती तो अपना 84 वां जन्मदिन मना रही होतीं। हर एंगल से ब्यूटीफूल सुचित्रा सेन का जन्म 6 अप्रैल 1931 को बांग्लादेश के पबना में हुआ था। उन्होंने अपने सिने करियर में सिर्फ चार हिंदी फिल्में देवदास,बम्बई का बाबू,ममता और आंधी की।
एक नाम नहीं,एक घटना थीं सुचित्रा सेन
वहीं,बंगाली सिनेमा में एक्टर उत्तम कुमार के साथ उनकी जोड़ी बेहद पॉपुलर हुई। सन 1952 में उन्होंने बंगाली फिल्म ‘शेष कोथाई’ से सिनेमा में डेब्यू किया,लेकिन किसी वजह से यह फिल्म रिलीज नहीं हो सकी। इसके बाद 1953 में प्रदर्शित ‘सात नंबर कैदी’ को उनकी पहली फिल्म माना जाता है। भारतीय सिनेमा में सुचित्रा सेन एक नाम न रहकर एक घटना बन गया है। उनका जीवन तीन दशक या यूं कहे मरते दम तक गुमनामी के अंधेरे में रहा। वहीं,14 जनवरी 2014 को को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। जानते हैं सुचित्रा सेन की जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
सुचित्रा सेन ने ठुकराया दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड
भारतीय सिनेमा में सुचित्रा सेन एकमात्र ऐसी कलाकार रहीं,जिन्होंने भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान 'दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड' ठुकरा दिया,क्योंकि वो कोलकाता से दिल्ली तक का सफर तय नहीं करना चाहती थीं।
सुचित्रा सेन पहली भारतीय एक्ट्रेस थीं,जिन्हें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। ये सम्मान उन्हें फिल्म ‘सात पाके बांधा’ के लिए दिया गया था।
एक्ट्रेस सुचित्रा सेन को उनकी पहली हिंदी फिल्म ‘देवदास’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड दिया गया। विमल रॉय की इस फिल्म में उनके अपोजिट ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार लीड रोल में थे।
सुचित्रा सेन और उत्तम कुमार की जोड़ी ने कई हिट फिल्में दी। इस जोड़ी ने 30 फिल्में एक साथ की। फिल्म निर्माताओं के सामने सुचित्रा सेन की शर्त होती थी कि फिल्म के पोस्टर्स में उनका नाम उत्तम कुमार से पहले आए।
1975 में इमरजेंसी के दौरान गुलजार के निर्देशन में बनी सुचित्रा सेन की फिल्म ‘आंधी’ पर बैन लगा दिया गया। इसकी वजह थी कि फिल्म में उनके किरदार को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जोड़कर देखा गया। वहीं, इमरजेंसी हटने के बाद फिल्म रिलीज हुई,जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। गौरतलब है कि सुचित्रा सेन का हिंदी उच्चारण ठीक नहीं था। ‘आंधी’ के यूनिट मेंबर्स ने निर्देशक गुलजार से उनके संवाद डब कराने की बात कही। लेकिन गुलजार ने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि ऐसा करना एक ग्रैट एक्ट्रेस के साथ नाइंसाफी होगी।  
अपने करियर के चरम पर सुचित्रा सेन सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई। फिल्मों से रिटायरमेंट के बाद उनका ज्यादातर समय गुमनामी में बीता। इसलिए उनकी तुलना हॉलीवुड एक्ट्रेस ग्रेटा गार्बो से की गई। क्योंकि उन्होंने भी 35 साल गुमनाम जिंदगी जी।

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