राजस्थान में उदयपुर शहर के 8 होनहार इंजीनियरिंग छात्रों ने पेट्रोल-डीजल
के दामों से बढ़ते खर्च पर काबू पाने के लिए एक सोलर कार बनाई है। बिना
गियर की यह सोलर कार बनाने में तीन माह का समय लगा है और 35 किमी प्रति
घंटे की रफ्तार से चलती है।
करीब 60 हजार रुपए की लागत से बनी ये कार बिना पेट्रोल-डीजल के चलती
है। बस सूर्य की रोशनी से चार्ज होती है और चलने लगती है। इस कार को जब रोड
पर लाया गया तो इसे देख कर हर कोई अचंभित रह गया। उनकी कार पॉल्यूशन फ्री
है, जिसे वे अपने कॉलेज प्रोजेक्ट में सबमिट कराएंगे।
कभी धूप न निकले तो भी ऐसे चलेगी ये कार
कभी धूप नहीं निकले तो बैटरी को घर में भी चार्ज कर सकते हैं। इसके लिए इस
कार में चार्जिंग स्लॉट लगाया गया है। कार की बनावट ऐसी है कि माइलेज बढ़
जाए। एयरो डायनामिक शेप में बनाई गई इस कार को चलाते समय हवा के प्रतिरोध
को कम करता। इसका फायदा यह होता है कि कार का माइलेज बढ़ जाता है। कार का
वजन 185 किलो है और यह अधिकतम 300 किलो वजन उठा सकती है।
60 हजार रुपए में बनी ये 4 सीटर कार
चार सीटर इस कार में 12-12 वोल्ट की चार बैटरी और छत पर सोलर पैनल है।
इसे बैटरी से जोड़ने के लिए कार के अंदर ही वायरिंग की है। फेस एंड
न्यूट्रल जंक्शन के वायर बैटरी तक जाते हैं, जिससे बैटरी चार्ज होती रहती
है। पहली बार में बैटरी चार्ज होने में 8 घंटे लगे। फुल चार्ज होने पर कार
40 किमी तक चल सकती है। कार बनाने में 60 हजार रुपए लागत आई।
इन स्टूडेंट्स ने मिलकर बनाई ये कार
अरावली इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज की मेकेनिकल इंजीनियरिंग
ब्रांच के विशाल घारीवाला, वसीम व्हारा, मीत चनियारा, मनु पिल्लई, राहिल
वहोरा, सचिन बुटाणी, अंकित सतापरा, मिलन भिमाणी।
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