भारतीय
नौसेना के लिए बनाया जा रहा जंगी जहाज आईएनएस विशाखापट्टनम जमीन से हवा
में मार करने वाली 32 'बराक 8' मिसाइलों से लैस होगा। आईएनएस विशाखापट्टनम
में इजरायली
‘मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार’ (MF-STAR) सिस्टम लगा है। यह
रडार पोत के कंट्रोल रूम में तैनात नेवी अफसरों को हमले के लिए सटीक
जानकारी मुहैया कराएगा। इस जंगी जहाज पर एंटी-शिप ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात
की जाएंगी। आईएनएस विशाखापट्टनम जहाज का वजन 7,300 टन है और यह भारतीय
नौसेना का सबसे बड़ा और आधुनिक जंगी जहाज है। इसे 20 अप्रैल को लॉन्च किया
जाएगा।
अन्य खासियतें
-आईएनएस विशाखापट्टनम 127 मिलीमीटर गन से लैस होगा। इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी मौजूद रहेगा।
-आईएनएस विशाखापट्टनम का सोनार सिस्टम अलग और अत्याधुनिक होगा। यह धनुष के आकार का है।
-आईएनएस विशाखापट्टनम में क्रू के लिए बेहतरीन सुविधाएं और सुरक्षा होगी और यह न्यूक्लियर, केमिकल और बॉयलॉजिकल हमलों के दौरान अपने क्रू को ज्यादा बेहतर प्रोटेक्शन दे पाएगा।
-आईएनएस विशाखापट्टनम की एक और बड़ी खूबी यह है कि बेहद खराब मौसम के दौरान भी इस पर नौसेना के हेलिकॉप्टर लैंड कर सकेंगे और उन्हें क्षतिग्रस्त होने से भी बचाया जा सकेगा।
-इस युद्धपोत पर शिप डाटा नेटवर्क नाम का एक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा जो लड़ाई के दौरान एक ही जगह पर सारा डाटा उपलब्ध कराएगा। इसे नेवी इन्फॉर्मेशन हाईवे कह रही है, क्योंकि एक ही जगह बैठकर नेवी के अफसर अपने टारगेट को नष्ट करने की रणनीति बना सकेंगे।
-आईएनएस विशाखापट्टनम 20 अप्रैल को लॉन्च किया जाएगा, लेकिन इसे पूरी तरह तैयार करने के बाद जुलाई 2018 में ही सेना को सौंपा जा सकेगा। इसी क्लास के बाकी तीन युद्धपोतों को हर दो साल के अंतराल पर नेवी को सौंपा जाएगा।
-आईएनएस विशाखापट्टनम 127 मिलीमीटर गन से लैस होगा। इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी मौजूद रहेगा।
-आईएनएस विशाखापट्टनम का सोनार सिस्टम अलग और अत्याधुनिक होगा। यह धनुष के आकार का है।
-आईएनएस विशाखापट्टनम में क्रू के लिए बेहतरीन सुविधाएं और सुरक्षा होगी और यह न्यूक्लियर, केमिकल और बॉयलॉजिकल हमलों के दौरान अपने क्रू को ज्यादा बेहतर प्रोटेक्शन दे पाएगा।
-आईएनएस विशाखापट्टनम की एक और बड़ी खूबी यह है कि बेहद खराब मौसम के दौरान भी इस पर नौसेना के हेलिकॉप्टर लैंड कर सकेंगे और उन्हें क्षतिग्रस्त होने से भी बचाया जा सकेगा।
-इस युद्धपोत पर शिप डाटा नेटवर्क नाम का एक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा जो लड़ाई के दौरान एक ही जगह पर सारा डाटा उपलब्ध कराएगा। इसे नेवी इन्फॉर्मेशन हाईवे कह रही है, क्योंकि एक ही जगह बैठकर नेवी के अफसर अपने टारगेट को नष्ट करने की रणनीति बना सकेंगे।
-आईएनएस विशाखापट्टनम 20 अप्रैल को लॉन्च किया जाएगा, लेकिन इसे पूरी तरह तैयार करने के बाद जुलाई 2018 में ही सेना को सौंपा जा सकेगा। इसी क्लास के बाकी तीन युद्धपोतों को हर दो साल के अंतराल पर नेवी को सौंपा जाएगा।
बराक मिसाइल इजरायल की मदद से तैयार
बराक मिसाइल को भारत और इजरायल ने मिलकर तैयार किया है। इसे नेवी के एक और वॉर शिप आईएनएस कोलकाता पर भी तैनात किया जा रहा है। आईएनएस कोलकाता पर तैनात किए जाने से पहले इन मिसाइलों का इसी साल अक्टूबर में फाइनल टेस्ट किया जाएगा।
बराक मिसाइल को भारत और इजरायल ने मिलकर तैयार किया है। इसे नेवी के एक और वॉर शिप आईएनएस कोलकाता पर भी तैनात किया जा रहा है। आईएनएस कोलकाता पर तैनात किए जाने से पहले इन मिसाइलों का इसी साल अक्टूबर में फाइनल टेस्ट किया जाएगा।
आईएनएस कोलकाता से अलग
आईएनएस विशाखापट्टनम और आईएनएस कोलकाता, दोनों एक ही क्लास के जंगी जहाज हैं, लेकिन इसके बावजूद दोनों में काफी अंतर है। हालांकि, दोनों में ही यूक्रेन के बने ‘जोरया गैस टर्बाइन्स’ लगे हैं। जबकि आईएनएस कोलकाता में 76 एमएम वाली सुपर रैपिड गन्स लगी हैं।
आईएनएस विशाखापट्टनम और आईएनएस कोलकाता, दोनों एक ही क्लास के जंगी जहाज हैं, लेकिन इसके बावजूद दोनों में काफी अंतर है। हालांकि, दोनों में ही यूक्रेन के बने ‘जोरया गैस टर्बाइन्स’ लगे हैं। जबकि आईएनएस कोलकाता में 76 एमएम वाली सुपर रैपिड गन्स लगी हैं।
तैयार किए जा रहे हैं चार जंगी जहाज
आईएनएस विशाखापट्टनम क्लास के चार युद्धपोत नौसेना के लिए तैयार कराए जा रहे हैं और इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 29,340 करोड़ रुपए है। तैयार किए जा रहे चार युद्धपोतों में से पहले का नाम आईएनएस विशाखापट्टनम है, जबकि दूसरे और तीसरे का नाम क्रमश: आईएनएस पोरबंदर और आईएनएस मर्मज्ञ है। चौथे पोत के नाम पर विचार किया जा रहा है और इसे राष्ट्रपति फाइनल करेंगे।
आईएनएस विशाखापट्टनम क्लास के चार युद्धपोत नौसेना के लिए तैयार कराए जा रहे हैं और इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 29,340 करोड़ रुपए है। तैयार किए जा रहे चार युद्धपोतों में से पहले का नाम आईएनएस विशाखापट्टनम है, जबकि दूसरे और तीसरे का नाम क्रमश: आईएनएस पोरबंदर और आईएनएस मर्मज्ञ है। चौथे पोत के नाम पर विचार किया जा रहा है और इसे राष्ट्रपति फाइनल करेंगे।
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