आमतौर पर भारतीय छात्र 12वीं के बाद असमंजस में रहते हैं कि किस फील्ड
में पढ़ाई करें। ताकि पढ़ाई पूरी होने के बाद आसानी से एक बेहतर करियर बना
सके। हम आपको इंडस्ट्री नीड और मार्केट ट्रेंड के आधार पर एक ऐसे
ही फील्ड 'प्रिंटिंग इंडस्ट्री' की जानकारी देने जा रहे है जिसमें 12वीं
के बाद तो करियर बनाया ही जा सकता है और ग्रैजुएट भी इस फील्ड में कोर्स कर
बेहतर करियर बना सकते हैं।
इसलिए चुनें यह इंडस्ट्री क्योंकि सुरक्षित है भविष्य
बता दें कि इस समय दुनिया की प्रिंटिंग इंडस्ट्री की कुल मौजूदा क्षमता करीब 12.1 बिलियन डॉलर है। एक्सपर्ट्स की मानें तो 2015 तक यह 20.9 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाने का अनुमान है। संभावना है कि 2015 तक भारत प्रिंटिंग के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट बन जाएगा। इसलिए तेजी से डेवलप हो रही प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी छात्रों के लिए करियर का एक बेहतर विकल्प है। बताते चलें कि एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक प्रिंटिंग इंडस्ट्री में 4 लाख से ज्यादा नए जॉब्स पैदा होंगे। इसके अलावा छात्रों के पास इस इंडस्ट्री में एंटरप्रेन्योरशिप के भी मौके हैं। लेकिन इस इंडस्ट्री में बेहतर करियर के लिए डिग्री के साथ-साथ क्रिएटिव स्किल का होना भी जरूरी है।
बता दें कि इस समय दुनिया की प्रिंटिंग इंडस्ट्री की कुल मौजूदा क्षमता करीब 12.1 बिलियन डॉलर है। एक्सपर्ट्स की मानें तो 2015 तक यह 20.9 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाने का अनुमान है। संभावना है कि 2015 तक भारत प्रिंटिंग के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट बन जाएगा। इसलिए तेजी से डेवलप हो रही प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी छात्रों के लिए करियर का एक बेहतर विकल्प है। बताते चलें कि एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक प्रिंटिंग इंडस्ट्री में 4 लाख से ज्यादा नए जॉब्स पैदा होंगे। इसके अलावा छात्रों के पास इस इंडस्ट्री में एंटरप्रेन्योरशिप के भी मौके हैं। लेकिन इस इंडस्ट्री में बेहतर करियर के लिए डिग्री के साथ-साथ क्रिएटिव स्किल का होना भी जरूरी है।
120 से ज्यादा देशों में भारत की पहुंच
1990 के दशक की शुरुआत तक देश की प्रिंटिंग इंडस्ट्री तकनीक के मामले में काफी पीछे थी। आर्थिक सुधारों के साथ ही प्रिंटिंग इंडस्ट्री में भी आधुनिकीकरण की शुरुआत हुई और पिछले 15 साल से इसकी औसत सालाना विकास दर 12 प्रतिशत से ज्यादा रही है। डिजिटल और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में आगे रहने से भारत दुनिया में प्रिंटेड पेपर प्रोडक्ट्स के उत्पादन में भी आगे है। भारत में तैयार प्रिंटेड पेपर प्रोडक्ट्स 120 से ज्यादा देशों को निर्यात किए जाते हैं।
1990 के दशक की शुरुआत तक देश की प्रिंटिंग इंडस्ट्री तकनीक के मामले में काफी पीछे थी। आर्थिक सुधारों के साथ ही प्रिंटिंग इंडस्ट्री में भी आधुनिकीकरण की शुरुआत हुई और पिछले 15 साल से इसकी औसत सालाना विकास दर 12 प्रतिशत से ज्यादा रही है। डिजिटल और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में आगे रहने से भारत दुनिया में प्रिंटेड पेपर प्रोडक्ट्स के उत्पादन में भी आगे है। भारत में तैयार प्रिंटेड पेपर प्रोडक्ट्स 120 से ज्यादा देशों को निर्यात किए जाते हैं।
12वीं के बाद ले सकते हैं एंट्री
प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी के कोर्स देश भर के इंस्टीट्यूटस में चार लेवल
पर मौजूद हैं। इनमें डिप्लोमा, डिग्री, मास्टर्स और पीएचडी शामिल है। तीन
साल के डिप्लोमा कोर्स में 10वीं और 12वीं के बाद एडमिशन मिलता है। जबकि
प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का बैचलर डिग्री कोर्स कालीकट यूनिवर्सिटी, जादवपुर
यूनिवर्सिटी, जेएनटीयू हैदराबाद जैसे संस्थानों में उपलब्ध है। इनमें साइंस
स्ट्रीम से 10+2 करने वाले छात्रों को अधिकतर संस्थानों में एंट्रेंस
एग्जाम के आधार पर एडमिशन दिया जाता है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग
इंस्टीट्यूट्स से प्रिंटिंग से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स भी किए जा सकते
हैं।
आसानी से मिल जाता है 3 लाख रुपए का शुरुआती पैकेज
प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी में बीई या बीटेक करने वाले प्रोफेशनल्स का
शुरुआती सालाना पैकेज दो से तीन लाख रुपए के बीच होता है। जो बाद में बढ़ता
ही जाता है। लेकिन गवर्नमेंट की नौकरियों के लिए हर सीट पर 50 से ज्यादा
उम्मीदवार होते हैं। जबकि डिप्लोमा करने वाले छात्रों को भी शुरुआत में
आसानी 15 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी पर नौकरी मिल जाती है। इस फील्ड
में क्रिएटिव लोगों के लिए पैकेज भी ज्यादा होता है और वे करियर में तेजी
से आगे बढ़ते हैं।
और फील्ड्स में भी हैं नौकरियां
देश भर में करीब तीन लाख बड़े और छोटे प्रिंटिंग हाउसेस हैं। प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का कोर्स करने वाले छात्रों के लिए जॉब के अवसर एडवर्टाइजिंग एजेंसी, प्रिंट मीडिया, पब्लिशिंग हाउस, पैकेजिंग इंडस्ट्री, गवर्नमेंट प्रेस आदि में हो सकते हैं। जरूरी डिग्री या कोर्स करने के बाद वे टेक्निकल, मार्केटिंग और मैनेजमेंट टीम का हिस्सा बन सकते हैं। मार्केट ट्रेंड के हिसाब से इसमें बेहतर करियर ग्रोथ के चांसेस हैं।
देश भर में करीब तीन लाख बड़े और छोटे प्रिंटिंग हाउसेस हैं। प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का कोर्स करने वाले छात्रों के लिए जॉब के अवसर एडवर्टाइजिंग एजेंसी, प्रिंट मीडिया, पब्लिशिंग हाउस, पैकेजिंग इंडस्ट्री, गवर्नमेंट प्रेस आदि में हो सकते हैं। जरूरी डिग्री या कोर्स करने के बाद वे टेक्निकल, मार्केटिंग और मैनेजमेंट टीम का हिस्सा बन सकते हैं। मार्केट ट्रेंड के हिसाब से इसमें बेहतर करियर ग्रोथ के चांसेस हैं।
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