Friday, 17 April 2015

राजस्थान: स्कूल की किताबों में अकबर महान नहीं, राणा प्रताप को 'ग्रेट' का तमगा

राजस्थान के स्कूलों में पढ़ाए जाने वाली किताबों में 'ग्रेट' की उपाधि अकबर से छिन कर राणा प्रताप को दिए जाने पर नया विवाद खड़ा हो गया है। कहा जा रहा है कि नए एकेडमिक सीजन से यह बदलाव किया गया है। इस बदलाव का विरोध करने वाले इसे 'भगवा' प्रभाव करार दे रहे हैं। इस एकेडमिक सीजन से राज्य के स्कूलों में पढ़ाए जाने वाली किताबों में अकबर के खिलाफ जंग लड़ने वाले महाराणा प्रताप को ही अकेले 'ग्रेट' की उपाधि दी गई है।
आरएसएस का 'चेहरा' माने जाने वाले राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने स्कूलों की किताबों में इस बदलाव का खुलकर समर्थन किया है। उनका कहना है कि एक युग में दो लोगों को 'ग्रेट' नहीं बताया जा सकता। खासकर तब जब दोनों के बीच शत्रुता रही हो। बता दें कि महाराणा प्रताप मेवाड़ के शासक थे। शिक्षा मंत्री ने कहा, ''चूंकि महाराणा प्रताप ने अकबर से लड़ाई की थी इसलिए दोनों को महान नहीं कहा जा सकता। केवल राणा प्रताप ही इस खिताब के हकदार हैं।'' हालांकि, मंत्री ने कहा कि स्कूल की किताबों में छात्रों को अकबर के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी, लेकिन उन्हें महान का दर्जा नहीं दिया जाएगा। उनके बारे में छात्र केवल इतिहास के अन्य राजाओं की तरह जानकारी हासिल करेंगे। ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर राजस्थान के स्कूलों में किए गए ये बदलाव विवाद के कारण बन सकते हैं। खासकर मध्यकालीन इतिहास में बदले गए कुछ तथ्य। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अब बच्चों को अकबर महान नहीं पढ़ाया जाएगा। बच्चे अब महाराणा प्रताप महान की पढ़ाई करेंगे। उन्होंने कहा कहा कि इस बदलाव से बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ा जा सकेगा और उनके मन में देशप्रेम का भावना जागृत किया जा सकेगा।
पांच महापुरुषों की पढ़ाई जाएगी जीवनी
राजस्थान में अब पांच महापुरुषों की जीवनी पढ़ाई जाएगी। शिक्षा विभाग ने इसे लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। कक्षा 6 से 8 तक की सामाजिक विषय की किताब के साथ पूरक सामग्री के रूप में इसे जोड़ा जाएगा। इन पांच महापुरुषों में वीर सावरकर, महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल, हेमू कालाणी और वीर दुर्गादास शामिल हैं, जिनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। मंत्री ने कहा कि नए सत्र की पाठ्यक्रम की छपाई का काम पूरा हो चुका था। इसलिए पूरक सामग्री के रूप में इसे जोड़ा जाएगा।
कांग्रेस ने बताया- आरएसएस के लोगों को खुश करने की कोशिश
इस बाच इतिहास के किताबों में इस बदलाव का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस के स्टेट प्रेसिडेंट सचिन पायलट ने कहा, ''भगवा ब्रिगेड को खुश करने की कोशिश में ऐसे बदलाव किए जा रहे हैं।'' बता दें कि इसी साल जनवरी में सभी सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य करने पर भी विवाद हुआ था। उस वक्त भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।

No comments:

Post a Comment