उत्तर गुजरात के चार में से एक महत्वपूर्ण और पिछड़े जिलों में आने वाला पाटण जिला आज दुनिया के नक्शे पर सूर्य की तरह चमचमा रहा है। गुजरात का यह वह इलाका है, जहां हमेशा कुदरत का कोप बरसता रहता है। बरसात तो यहां बिल्कुल न के बराबर ही होती है। बरसात की अनिश्चितता और पानी की कमी के कारण गर्मी में तो यहां पशु-पक्षी सहित संपूर्ण मानव जाति त्राहि-त्राहि कर उठती है। इस पर भी आज यह जिला गुजरात ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के पटल पर जगमगा रहा है। पहले यह जिला सूर्य के कोप के लिए जाना जाता था और इसकी कोई पहचान नहीं थी।
अब एशिया के सबसे बड़े सोलर पार्क के लिए मशहूर हो रहा है। तीन साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी
ने चारंका को सोलर पार्क को देश को समर्पित किया था। तब इसकी क्षमता 214
मेगावॉट थी। अब इसका विस्तार हो चुका है। अब यह 400 मेगावॉट बिजली उत्पादन
करेगा। इसे बनाने में सरकार और निजी कंपनियों ने जिम्मा लिया था।
पाकिस्तान की सरहद और कच्छ के सफेद रण से लगा हुआ चारणका गांव सौर
ऊर्जा के प्रयोग के लिए मिसाल बन गया है। रेगिस्तानी इलाके चारणका में 3000
एकड़ बंजर भूमि पर स्थापित गुजरात सोलर पार्क पूरे एशिया का सबसे बड़ा
सोलर पार्क है। इसका शिलान्यास गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र
मोदी द्वारा दिसंबर-2010 में और उद्घाटन 19 अप्रैल 2012 में किया गया था।
यह सोलर पार्क विंड और सोलर एनर्जी का हाईब्रिड पॉवर प्रोजेक्ट है।
- 17 कंपनियों के 17 प्रोजेक्ट:
- 4900 हेक्टेयर में फैला हुआ है
- 274 मेगावॉट क्षमता बढ़ाई गई
- 20 डेवलपर्स ने मिलकर बनाया
- 4900 हेक्टेयर में फैला हुआ है
- 274 मेगावॉट क्षमता बढ़ाई गई
- 20 डेवलपर्स ने मिलकर बनाया
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