भोजन का पैकेट मिलने का समय दर्शाता रोटरी क्लब का बोर्ड।
संसद की कैंटीन का सस्ता भोजन अकसर सुर्खियों रहता है। इसकी तुलना गरीब की थाली से की जाती है। मंदसौर में एक संस्था ऐसी भी है जो 23 साल से केवल 2 रुपए में भोजन के पैकेट मुहैया करा रही है।
यहां संसद के रेस्टोरेंट से भी कम दाम हैं। महंगाई के जमाने में जब
चाय का कट 7 रुपए में बाजार में मिलता हो तो 2 रुपए में भोजन सुनने में
काफी अटपटा लगता है, लेकिन यह सच है। संस्था अब तक भोजन के 5 लाख 13 हजार
से अधिक पैकेट जरूरतमंदों तक पहुुंचा चुकी है।
हम बात कर रहे हैं रोटरी क्लब द्वारा जिला अस्पताल में संचालित आहार केंद्र की। इसकी शुरुआत 1992 में प्रोजेक्ट इंचार्ज महेंद्र धाकड़ के ने की थी। सेवा का सिलसिला अब भी जारी है। दिसंबर 1992 में कर्फ्यू के वक्त संस्था सदस्यों ने नगर के कई इलाकों में लोगों को भोजन के पैकेट मुहैया कराए थे।
हम बात कर रहे हैं रोटरी क्लब द्वारा जिला अस्पताल में संचालित आहार केंद्र की। इसकी शुरुआत 1992 में प्रोजेक्ट इंचार्ज महेंद्र धाकड़ के ने की थी। सेवा का सिलसिला अब भी जारी है। दिसंबर 1992 में कर्फ्यू के वक्त संस्था सदस्यों ने नगर के कई इलाकों में लोगों को भोजन के पैकेट मुहैया कराए थे।
संस्था के आहार केंद्र पर एक भी दिन अवकाश नहीं रहा। केंद्र में
मरीजों के परिजन कूपन दिखाकर भोजन के पैकेट ले जाते हैं। कूपन उन्हें 2
रुपए चुकाने पर 9 नंबर कक्ष और रेडक्राॅस मेडिकल स्टोर्स पर मिल जाता है।
संस्था रोज सुबह 10.30 से दोपहर 12 बजे और शाम को 5 से 6 बजे तक कतारबद्ध
लोगों को भोजन के पैकेट देती है।
2 रुपए के पैकेट वाले मीनू में यह खास : 2 रुपए के पैकेट वाले मीनू में मरीज के परिजन को थैली में 5 रोटी और सब्जी दी जाती है। आहार केंद्र पर अलग-अलग दिन के मान से 16 तरह की सब्जियां तय हैं। इस दौरान कोई एक सब्जी दोबारा न देते हुए रोज अलग तरह की सब्जी बनाई जाती है। वैसे रोटरी क्लब को भोजन के एक पैकेट की लागत 15 रुपए लगती है। यानी हर पैकेट पर संस्था 13 रुपए अपने स्तर पर खर्च करती है। इसमें सदस्यों, दानदाताओं की ओर से समय-समय पर गैस सिलेंडर, गेहूं, आटा, आलू व सब्जियां, तेल, नमक व नकद राशि का सहयोग दिया जाता है।
2 रुपए के पैकेट वाले मीनू में यह खास : 2 रुपए के पैकेट वाले मीनू में मरीज के परिजन को थैली में 5 रोटी और सब्जी दी जाती है। आहार केंद्र पर अलग-अलग दिन के मान से 16 तरह की सब्जियां तय हैं। इस दौरान कोई एक सब्जी दोबारा न देते हुए रोज अलग तरह की सब्जी बनाई जाती है। वैसे रोटरी क्लब को भोजन के एक पैकेट की लागत 15 रुपए लगती है। यानी हर पैकेट पर संस्था 13 रुपए अपने स्तर पर खर्च करती है। इसमें सदस्यों, दानदाताओं की ओर से समय-समय पर गैस सिलेंडर, गेहूं, आटा, आलू व सब्जियां, तेल, नमक व नकद राशि का सहयोग दिया जाता है।
यह प्रोजेक्ट प्रदेशभर में आदर्श, 8 प्रांतीय पुरस्कार भी मिले : रोटरी क्लब अध्यक्ष डॉ. कमलेश कुमावत ने बताया रोटरी आहार केंद्र का प्रोजेक्ट प्रदेशभर में आदर्श है। इससे मंदसौर क्लब की अलग पहचान बनी। 8 प्रांतीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। मंडल 3040 में कहीं भी एेसी सेवा की मिसाल नहीं है। अस्पताल में मरीजों के परिजन के लिए यह सुविधा है। परिसर से रोज सुबह व शाम के तक 70-80 लोग भोजन के पैकेट पाते हैं। इसका शुल्क 1992 में भी 2 रुपए था अब भी 2 रुपए ही है। मीनू भी नहीं बदला है।
संसद की कैंटिन के मीनू एवं कीमत पर एक नजर
वेजिटेरियन थाली - 12 रुपए 50 पैसे। इसमें दाल, सब्जी, 4 चपाती, चावल/पुलाव, सलाद शामिल।
चाय 1 रुपए प्रति कप
सूप- 5 रुपए 50 पैसे प्रति कप
दाल 1 रुपए 50 पैसे प्रति कटोरी
वेजिटेरियन पुलाव 8 रुपए प्लेट
राजमा चावल - 7 रुपए प्लेट
टोमेटो चावल 7 रुपए प्लेट
चपाती 1 रुपए
चावल 7 रुपए प्लेट
डोसा 4 रुपए
खीर 1 कटोरी के 5 रुपए 50 पैसे
फ्रूट केक 9 रुपए 50 पैसे
फ्रूट सलाद 7 रुपए
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