इस आधुनिक जीवन में आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनके पास न बिजली है, न
सड़क है, न इंटरनेट। यहां तक की इनका किसी सिविलाइजेशन से कोई ताल्लुक भी
नहीं है। भारत के अधिकार क्षेत्र में आने वाला सेंटिनल आइलैंड एक ऐसी ही
जगह है। यहां रहने वाली सेंटिनलीज जनजाति का आधुनिक मानव सभ्यता से कोई
लेना-देना नहीं है। बहुत बार इसको आधुनिक समाज से जोड़ने का प्रयास किया
गया, लेकिन इस जनजाति के लोग इतने ज्यादा आक्रामक हैं कि वे किसी को अपने
पास आने ही नहीं देते।
कुछ मामलों में इक्का-दुक्का लोगों ने उन तक पहुंचने का प्रयास किया
तो इन लोगों ने उन्हें मार दिया। एक भागा हुआ कैदी गलती से इस आइलैंड पर
पहुंचा तो उसे भी मार दिया। सन् 1981 में एक भटकी हुई नौका इस आइलैंड के
करीब पहुंची थी। उसके मेंबर्स ने बताया कि कुछ लोग किनारों पर तीर-कमान और
भाले लेकर खड़े थे। हमारी किस्मत अच्छी थी कि हम वहां से निकलने में सफल
रहे।
2004 में आए भूकंप और सुनामी के बाद भारत सरकार ने इस आइलैंड की खबर
लेने के लिए सेना का एक हेलिकॉप्टर भेजा था। लेकिन यहां के लोगों ने उस पर
भी हमला कर दिया। हवाई तस्वीरों से यह साफ होता है कि ये जनजाति खेती नहीं
करती, क्योंकि इस पूरे इलाके में अब भी घने जंगल हैं। इससे यह निष्कर्ष
निकाला गया कि यह जनजाति शिकार पर निर्भर है। बहुत से लोगों का मानना है कि
इस जनजाति तक पहुंच बनाई जानी चाहिए। वहीं, कुछ मानते हैं कि उन्हें अपने
हाल पर छोड़ देना ही ठीक है।
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